खांसी एक बहुत ही गंभीर बीमारी होने का लक्षण है। इसका सही से इलाज ना करवाने पर व्यक्ति की मौत तक हो जाती है। इस बीमारी को कभी भी अनदेखा नहीं करना चाहिए आज हम इसके निवारण हेतु कुछ औषधियों को निम्म रूप में नीचे बताएंगे।
१- रोग के मूल कारण को देखकर शुरुआत में पसीना लाने वाली औषधियां देनी चाहिए।
२- रोगी को बिस्तर पर आराम करने को कहें।
३- रोगी को पीने के लिए गर्म अर्थात उबला हुआ पानी दे।
४- यदि रोगी धूम्रपान का शौकीन हो तो उसे बंद करा दें।
५- रोगी को टिंक्चर बेंजोइन गर्म पानी में उबालकर उस की भाप लेने को कहें अथवा Vics VapoRub गर्म पानी में डालकर उसकी भाप दे।
६- विक्स वेपोरब अथवा कोई अन्य बाम रोगी के छाती में व पीठ और गले में मले।
७- पानी की कमी अर्थात डिहाइड्रेशन को रोकने के लिए रोगी को तरल अधिक मात्रा में दें।
८- रोगी को हल्की गर्म चाय जिसमें अदरक व तुलसी की ताजा साफ स्वच्छ पत्तियो से युक्त पेय पीने को दें।
९- बहुत बार खांसी का रोग - वायरल संक्रमण के कारण होता है तथा जिसमें एंटीबायोटिक एवं अन्य औषधियां लाभात्मक प्रभाव नहीं करती हैं। इस प्रकार की खासी से पीड़ित रोगियों को अदरक रस शहद में मिलाकर सेवन करने हेतु निर्देशित करें। गले की खरखाराहट दूर करने के लिए रोगी को मिश्री या हाल्स, विक्स की गोली चूसने को कहें।
१०- खांसी में सबसे महत्वपूर्ण मुख्य बात यह है रोगी को यथासंभव खासना नहीं चाहिए यदि गले में सरसराहट हो तो उसको शांत करने के लिए मुलेठी, लोंग, मिश्री, मुनक्का, नमक का टुकड़ा अथवा चूसने वाली खांसी की कोई गोली जैसे की विक्स या स्ट्रिपसिल्स को चूसना चाहिए।
११- याद रहे कि खांसी एक रक्षात्मक शारीरिक प्रतिक्रिया है जो श्वास नली में उपस्थित ग्राही अंगों को उत्तेजित होने से आती है खांसी आने के फलस्वरूप स्वास मार्ग में स्थित छोटे-छोटे कण मुख मार्ग से बाहर आते हैं जो कि बहुत ही हानिकारक होते हैं। सूखी खांसी जो हानिकारक पदार्थों को या तो बहुत कम मात्रा में बाहर निकाल पाती है अथवा बिल्कुल ही नहीं निकल पाती अतः इसके उपचार की आवश्यकता होती है खांसी के उपचार में कफ सिरप प्रयोग में लाए जाते हैं।
१२- Infectious जीवाणुओं के विष से उत्पन्न के तकलीफ को शांत करने के उद्देश्य से रोगी को एंटीबायोटिक औषधि जैसे कि- पेनिसिलिन टेटरासाइक्लिन या अजिथ्रोमायसीन आदि औषधियां आवश्यकतानुसार दी जाती है।
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सूखी खांसी (Dry Cough) - expectorant anti syrup mucolytic औषधियां श्वसन नली के स्राव को बढ़ा देती हैं जिससे बलगम को पतला करके खांसी के द्वारा बलगम को सफलतापूर्वक बाहर निकाल देता है। गले में इरिटेशन कम होने से रोगी को आराम मिलता है।
Antihistamine औषधियां भी कुछ सीमा तक खांसी को कम करने में सहायक सिद्ध होती है।
खांसी में प्रयुक्त होने वाले प्रमुख कफ सिरप
• कोरेक्स कफ सिरप। निर्माता - फाइजर
Dose:- वयस्कों को 1-2 चम्मच दिन में 3-4 बार दे। तथा 0-6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को 1/4 दिन भर में 3-4 बार दे। और 6-12 वर्ष आयु वर्ग के बच्चो को 1/2 दिन में तीन से चार बार दे।
• Asthalin Expectorant Syrup. निर्माता - सिपला
Dose:- वयस्कों को 10-20 मिली० दिन में तीन बार दे। 6-12 वर्ष आयु वर्ग के बच्चो को 10 मिली० दिन में तीन बार दे। 6 वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चो को 5 मिली० दिन में तीन बार सेवन कराते रहे।
• ग्रिलिंटस सिरप। निर्माता - Franco Indian
Dose:- वयस्कों को 5-10 मिली० दिन में तीन बार दें। बच्चों को 5 मिली० दिन में तीन बार दे।
इस प्रकार से मार्केट में बहुत से सिरप और टैबलेट्स उपलब्ध है मैं कुछ पेटेंट मेडिसिंस के नाम के बारे में आपको बता देता हूं----
• Ambrodil tablet
• Ambrodil Plus Syrup
• Benadryl Syrup
• Bromex Tablet/syrup
• Bromhexine Tablet/syrup
• Chericof softgel capsule/syrup
• Coscopin paediatric syrup
• Corex -Dx syrup
• Coscold Tab./syrup
• Solvin liquid
• Salmodil Syrup etc.
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