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BETAMETHASONE क्या होता है? इसके क्या फायदे है? और क्या नुकसान है? जाने HINDI और ENGLISH LANGUAGE में।

उपयोग बीटामेथासोन (Betamethasone) क्या है? आमतौर पर बीटामेथासोन का इस्तेमाल कई प्रकार के स्किन इंफेक्शन जैसे एग्जिमा, सोरायसिस या एलर्जिक रिएक्शन के उपचार में होता है। यह सूजन, खुजली और लालिमा को कम करती है, जो उपरोक्त एलर्जिक रिएक्शंस में पैदा होते हैं। यह बाजार में बीटामेथासोन के तौर पर उपलब्ध है। मुझे बीटामेथासोन का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए? डॉक्टर की सलाह पर निम्नलिखित तरीकों से बीटामेथासोन क्रीम को लगाया जा सकता है : त्वचा पर लगाएं। त्वचा के संवेदनशील हिस्सों जैसे चेहरा, बगलों, जांघ या डायपर रैश पर इसका इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें। डॉक्टर की सलाह पर ही बीटामेथासोन क्रीम का इस्तेमाल करें। डॉक्टर की निर्देशित समय सीमा से अधिक दिनों तक इसका इस्तेमाल ना करें। यदि आपकी स्थिति में सुधार नहीं होता है या यह बदतर होती है तो डॉक्टर को तुरंत सूचित करें। बीटामेथासोन को लगाने से पहले प्रभावित त्वचा को सूखा और साफ रखना जरूरी है। प्रभावित त्वचा पर हाथों को धोकर क्रीम लगाएं और इसे हल्का मल लें। बिना डॉक्टर की सलाह के प्रभावित त्वचा पर बैंडेड या उसे ना ढकें...

खांसी के इलाज हेतु औषधियां एवम् कुछ घरेलू उपाय।

खांसी एक बहुत ही गंभीर बीमारी होने का लक्षण है। इसका सही से इलाज ना करवाने पर व्यक्ति की मौत तक हो जाती है। इस बीमारी को कभी भी अनदेखा नहीं करना चाहिए आज हम इसके निवारण हेतु कुछ औषधियों को निम्म रूप में नीचे बताएंगे। १- रोग के मूल कारण को देखकर शुरुआत में पसीना लाने वाली औषधियां देनी चाहिए। २- रोगी को बिस्तर पर आराम करने को कहें। ३- रोगी को पीने के लिए गर्म अर्थात उबला हुआ पानी दे। ४- यदि रोगी धूम्रपान का शौकीन हो तो उसे बंद करा दें। ५- रोगी को टिंक्चर बेंजोइन गर्म पानी में उबालकर उस की भाप लेने को कहें अथवा Vics VapoRub गर्म पानी में डालकर उसकी भाप दे। ६- विक्स वेपोरब अथवा कोई अन्य बाम रोगी के छाती में व पीठ और गले में मले। ७- पानी की कमी अर्थात डिहाइड्रेशन को रोकने के लिए रोगी को तरल अधिक मात्रा में दें। ८- रोगी को हल्की गर्म चाय जिसमें अदरक व तुलसी की ताजा साफ स्वच्छ पत्तियो से युक्त पेय पीने को दें। ९- बहुत बार खांसी का रोग - वायरल संक्रमण के कारण होता है तथा जिसमें एंटीबायोटिक एवं अन्य औषधियां लाभात्मक प्रभाव नहीं करती हैं। इस प्रकार की खासी से पीड़ित रोगि...

खांसी क्या है? और यह कितने प्रकार की होती है ? आयुर्वेद में खांसी को कितने प्रकार में बताया गया है?

पर्यायवाची:- काश, खंग, खांसी तथा अंग्रेजी में से कफ कहते हैं। परिचय:- श्वसन तंत्र के रोगों में यह सर्वाधिक पाया जाने वाला लक्षण है खांसी- श्वसन संस्थान में इरिटेशन होने पर अथवा उसमें कोई रोग होने से होती है। स्मरण रहे कि यह स्वयं में कोई रोग नहीं है बल्कि होने वाले रोग का लक्षण है फुफ्फुस (लंग्स) के रोगों का यह सब प्रमुख लक्षण है।  इसके प्रमुख कारण-  १:- गले मैं वायरल इंफेक्शन २:- ऋतु में परिवर्तन / सर्दी ३:- क्षय रोग (टी.बी.) ४:- दमा (अस्थमा) ५:- निमोनिया ६:- श्वसन संस्थान में किसी बाहरी वस्तु की उपस्थिति (जैसे धूल मिट्टी मसाला या किसी प्रकार का बैक्टीरिया, वायरस का प्रवेश कर जाना) आदि। प्रकार व लक्षण- सामान्यतः यह दो प्रकार में पाई जाती हैं १:- सूखी खांसी २:- बलगम वाली खांसी *सूखी खांसी:- इसमें कफ व बलगम नहीं निकलता है, तथा बार-बार थोड़े समय के लिए खांसी आती रहती है। छाती में जलन तथा सिर में रोगी के दर्द रहता है। *बलगम वाली खांसी:- इसमें रोगी को खांसी आने के साथ में बलगम भी निकलता रहता है, रोगी के छाती में दर्द नहीं होता है, किंतु सर भारी रहता है बलगम नि...

रोग क्या है, कितने प्रकार के होते है, और इनके होने के कारण?

जब शरीर अथवा इसका कोई अंग ठीक तरह से काम करना बंद कर कर देता है तो इसके कारण से मनुष्य को जो असुविधा अथवा कष्ट होता है उसे ही रोग या डिजीज कहते हैं।          मनुष्य को सैकड़ों तरह के रोग होते हैं, जिन का वर्गीकरण करना बहुत कठिन कार्य है। फिर भी मोटे रूप में इन रोगों को नीचे लिखे वर्गों में लिखा जा सकता है--           (१) संक्रामक रोग (Infection disease):- इन्हें छूत के रोग कहते हैं। यह रोग विभिन्न जातियों के जीवाणुओं और वायरसों द्वारा उत्पन्न होते हैं। मनुष्य को होने वाले सबसे भयंकर और कष्टदायक रोग यही हैं। इनमें मृत्यु संख्या भी बहुत अधिक होती है। यक्ष्मा, न्यूमोनिया, चेचक, हैजा, मलेरिया, सिफलिस और सूजाक आदि इसी वर्ग के रोग हैं। (२) हिनताजनिक रोग (Deficiency Disease):- हमारे भोजन में अगर लंबे समय तक प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन अथवा खनिज लवणों की कमी रहे तो इस तरह के रोग हो जाते हैं जिनसे एनीमिया, वेरी-वेरी, रिकेट्स, स्कर्वी आदि इसी प्रकार के रोग हैं। (३) व्यपजनन संबंधी रोग (Degenerative Diseases):- वे ...

बांझपन (Infertility) होने पर क्या करें? Allopathic treatment for infertility

पर्याय:-  Failure to Conceive, यानी बच्चा नहीं ठहराना।             इसमें मरीज किसी बीमारी के कारण बच्चा पैदा करने में असमर्थ होता है यदि उसका कारण ठीक कर दिया जाए तो गर्भधारण की संभावना रहती है। प्रकार (Types):-   १:-     पहला कारण यानी गर्भधारण कभी नहीं हुआ हो। २:-      दूसरा कारण यानी मरीज को पहले बच्चा हुआ है परंतु अब काफी लंबे समय से गर्भधारण नहीं हो पा रहा है 👉   पुरुष में दोष (Faults of the Male) कारण (Aetiology) १:- असामान्य वीर्य- महिला के रोगी पति को वीर्य की जांच करवानी चाहिए। वीर्य सामान्य आने पर स्त्री को पूर्ण जांच करवाएं। वीर्य की जांच असामान्य आने पर कारण को ज्ञात करने की कोशिश करें और उसके अनुसार चिकित्सा करें। २:- सामान्य वीर्य - * Volume - 1.5 ml * Liquification - 20 mts. * Sperm count - over 15 million/ml. * Mortality - atleast 60% show good morality. * Abnormal for...

Paracetamol

Calpol, Disprol, Penadol, Hedex ये इनके कुछ ब्रांड नाम है जोकि आपको मेडिकल स्टोर में मिल जाएंगे। Paracetamol दर्द से राहत देता है यह शरीर के तापमान में वृद्धि (बुखार) को भी कम करता है। यदि आवश्यक हो तो आप प्रत्येक 4-6 घंटे में पेरासिटामोल की खुराक ले सकते हैं, लेकिन 24 घंटे की अवधि में चार से अधिक खुराक नहीं लें। पेरासिटामोल वाले किसी अन्य दवा के साथ पेरासिटामोल को नहीं लें। यदि आप बहुत ज्यादा पेरासिटामोल लेते हैं, तो डॉक्टर से सीधे बात करें, भले ही आप अच्छा महसूस करते हैं। P aracetamol  दवाओं के एक समूह से संबंधित है जिसे दर्दनाशक के रूप में जाना जाता है। इसका उपयोग हल्के से मध्यम दर्द को दूर करने के लिए किया जाता है।   Paracetamol एक सामान्य दर्द निवारक है और कई रिटेल आउटलेटों से टेबलेट / कैप्सूल और लिक्विड मेडिसिन के रूप में खरीदने के लिए उपलब्ध है। बहुत से ब्रांडों के 'ओवर-द-काउंटर' दर्द निवारकों में पेरासिटामोल शामिल होता हैं, जैसे कि कई ठंड और फ्लू के उपचार के लिए। यह महत्वपूर्ण है कि आप किसी भी दवा के लेबल की जाँच करें जिससे आप सुनिश्चित कर...

Aceclofenac Tab. के बारे में जाने.....

एसिक्लोफेनाक  :- एसिक्लोफेनाक टैबलेट एक दर्द निवारक दवा है और यह एक तरह की नॉन-स्टेरायडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवा है। जिसका उपयोग एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस, ऑस्टियोआर्थराइटिस और संधिशोथ के इलाज के लिए किया जाता है। यह दर्द के साथ ही सूजन को कम करती है। गठिया के दर्द के पीछे साइक्लो-ऑक्सीजेज एंजाइम जिम्मेदार होता हैं। यह दवा साइक्लो-ऑक्सीजनेज एंजाइम के उत्पादन को बाधित अथवा रोकता है। ये एंजाइम हमारे शरीर में अन्य एंजाइम भी उत्पन्न करती हैं जिन्हें प्रोस्टाग्लैंडीन कहा जाता है। यह चोट के क्षेत्रों में बन सकते हैं, और दर्द और सूजन दोनों को जन्म दे सकते हैं। जब साइक्लो-ऑक्सीजनेस एंजाइमों को ब्लाक किया जाता है, तो बहुत कम प्रोस्टाग्लैंडीन उत्पन्न होते हैं। इस दवा को लेने से पहले, सुनिश्चित करें कि आपको इससे या अन्य दवाओं से किसी प्रकार की एलर्जी नहीं है। *दवा को कैसे ले? :-* इस दवा को लेने से पहले कुछ नस्ता वैगरह लेना ज़रूरी होता हैं, क्योंकि यह आपके पेट को लाइन करेगा और दवा को पेट के साथ इंटरैक्शन करने और अपच का कारण नहीं बनने देगा। डॉक्टर मरीजों को दिन में दो बार, ...